“श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द” वह शब्द है जो एक ही आवाज़ या अक्षरों का होने के बावजूद विभिन्न अर्थों में प्रयोग होता है। यहाँ कुछ श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द-
- बाल – बाल (केश) / बाल (बच्चा)
- कमल – कमल (फूल) / कमल (नेत्र)
- माल – माल (सामान) / माल (धन)
- चमक – चमक (ब्लिंग) / चमक (रोशनी)
- तेज – तेज (धूप) / तेज (गति)
- सागर – सागर (समुद्र) / सागर (भीषण)
- सिंह – सिंह (बाघ) / सिंह (योद्धा)
- नगर – नगर (शहर) / नगर (गाँव)
- पानी – पानी (जल) / पानी (पेय)
- बन – बन (जंगल) / बन (रूकना)
- बार – दुकान का बार / एक बार
- ताल – म्यूजिकल ताल / टालाब
- सप्ताह – सप्ताह का दिन / सप्ताह का मित्र
- खम्भा – खम्भा खड़ा करना / स्थानीय खम्भा
- बच्चा – बच्चा रोना / बच्चा गाड़ी
- बंद – बंद करना / बंद रास्ता
- नाक – नाक में खुजली / एक पहाड़ी का नाक
- पतंग – उड़ानभर्ती पतंग / कच्चा खाद्य पतंग
- मोह – प्रेम मोह / अहंकार मोह
- चाय – गरम चाय / बाग की चाय
- तरंग – तरंग में खेत / लाइट की तरंग
- रात – रात का समय / तारों की रात
- सिर – सिर का बाल / सिर का नेता
- पुराना – पुराना दोस्त / पुराना नक्शा
- मुँह – मुँह में चावल / नदी का मुँह
- तंतु – तंतुओं का संगीत / रेशम का तंतु
- फूल – फूलों का राजा / खिड़की का फूल
- तीर – तीर चलाना / नदी का तीर
- कपड़ा – नरम कपड़ा / गहरा कपड़ा
- राष्ट्र – राष्ट्रभाषा / एक राष्ट्र
- चेहरा – हंसी का चेहरा / एक बच्चे का चेहरा
- रुपया – रुपया खर्च करना / सोने का रुपया
- तारा – तारा देखना / नक्शत्रों का तारा
- लिखा – लिखा हुआ पत्र / लिखा हुआ गाना
- ज्ञान – विज्ञान ज्ञान / साहित्यिक ज्ञान