1. अंगूर खट्टे हैं- स्थान बदल जाने पर भी हालात वैसे ही रहते हैं।
2. अंधा कौन? चाँद का बेटा-: जो अन्धा होता है वह अपनी गलती को स्वीकार नहीं करता।
3.अंधों में काना राजा- जिस जगह बहुत से लोगों में कुछ नहीं होता, वहाँ एक व्यक्ति अधिक महत्वपूर्ण होता है।
4. अंधा बांटा बांटा बांटा, फिरा क्या?-: व्यर्थ में कुछ बांटने का प्रयास करना।
5. अपना अपना भाग्य होता है- सबका अलग-अलग भाग्य होता है।
6. अपना मुंह मियाँ मिट्ठू बनाना-अपनी तारीफ खुद ही करना।
7. अरे दोनों हाथ पकड़ी, फिर भी पानी पीना-: दो चीजों में फ़र्क नहीं कर पाना।
8. अरे खजूर निकला खोज में-: किसी काम का असर पहले की अपेक्षा ज्यादा बदा होना।
9. अरे पंछी नादान, पंछी कहाँ चला?-: बिना सोचे-समझे काम करना।
10. अरे राम, तेरी गाली में चाँदी होती-: किसी की बुराई में भी कुछ अच्छाई होती है।
11. अरे बाल काटने से अंगूर खट्टे नहीं होते-: किसी काम से अनुप्राणित होना और उससे बेहतर कुछ नहीं होता।
12. अरे बाप रे!-: आश्चर्य या हैरानी का अभिव्यक्ति।
13. अरे बस बस, हो गयी खलास-: किसी काम को समाप्त करने के लिए कहा जाता है।
14. अरे भगवान, वो क्या?-: हैरानी या अचरज का अभिव्यक्ति।
15 अरे मेरे दोस्त, जो मुश्किल वोही सही-: संघर्ष को स्वीकार करना।
16. अरे यार, वो तो बाल के बाल बचा*- किसी बुरे स्थिति से बचना।
17. अरे लाला, बोल की लब आजाद हैं तेरे-: खुले विचारों को साझा करना।
18. अरे ले! दोनों हाथ में लड्डू-: सब कुछ भला होना।
19. अरे सारे खूँटे निकल गए!-: सब कुछ व्यावसायिक रूप से खुल गया है।
20. अरे हाँ, तो क्या फरक पड़ता है?-: अनदेखा करने का अभ्यास।
21. अलग-अलग नाचे, मुर्गा राजा-: अपनी स्थिति में संतुष्ट रहना।
22. अलसी बंदर की नानी में ताली-: किसी काम में सक्षम न होना।
23. अलसी की दुकान, चौकीदार कम-: कोई काम ठीक से नहीं होना।
24. अंधों में काना राजा-: जो जगह बहुत से लोगों में कुछ नहीं होता, वहाँ एक व्यक्ति अधिक महत्वपूर्ण होता है।
25. अंधा बांटा बांटा बांटा, फिरा क्या?-व्यर्थ में कुछ बांटने का प्रयास करना।
26. अंधा कौन? चाँद का बेटा-: जो अन्धा होता है वह अपनी गलती को स्वीकार नहीं करता।
27. अच्छा खेलना, दिल खोलकर खेलना-: किसी काम में खुलकर सहयोग करना।
28. अजगर की अंगुली में अंगूर-: किसी अन्याय की पहचान करना।
29. अपना काम भला, सब काम भला-: अपने काम को सही तरीके से करना।
30. अपना कोई काम नही-: कोई अनुभव या कौशल न होना।