“वचन” का अर्थ होता है “संख्या” या “गिनती”। वचन भाषा में विभक्ति का एक प्रमुख भाग होता है, जिससे संज्ञा और क्रिया आदि के रूप में संख्या का व्यक्तिगत स्थान होता है। हिंदी में वचन के तीन प्रमुख भेद होते हैं – एकवचन, द्विवचन, और बहुवचन।
उदाहरण के लिए:
1. एकवचन (Singular):
– संजय ने किताब ख़रीदी।
– मैं अच्छा हूँ।
2. द्विवचन :
– राम और श्याम ने मिठाई ख़रीदी।
– तुम और तुम्हारा भाई बहुत ताक़तवर हो।
3. बहुवचन –
– बच्चे खेल रहे हैं।
– गुलाबी फूल खिल रहे हैं।
इन उदाहरणों में देखें, वचन एकवचन, द्विवचन और बहुवचन में अलग-अलग संख्या व्यक्त कर रहा है। इस तरह, “वचन” हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण अध्याय होता है|
जिन शब्दों से एक अथवा अनेक वस्तुओं, स्थानों, प्राणियों आदि का बोध होता है, उसे वचन कहते हैं।
वचन के भेद (Kinds of Number)
वचन दो प्रकार के होते हैं-
(1) एकवचन (Singular) : संज्ञा अथवा सर्वनाम के जिस रूप से एक व्यक्ति, वस्तु अथवा पदार्थ का बोध हो, वह एकवचन कहलाता है; जैसे- कमरा, कुरसी, मैदान, रमेश, तोता आदि।
(2) बहुवचन (Plural): संज्ञा अथवा सर्वनाम के जिस रूप से एक से अधिक व्यक्तियों, वस्तुओं अथवा पदार्थों का बोध होता है, उसे बहुवचन कहते हैं; जैसे—कमरे, नदियाँ, पुस्तकें, कुर्सियाँ आदि।
वचन की पहचान (Identification of Number)
एकवचन की पहचान दो प्रकार से होती है—
(अ) संज्ञा या सर्वनाम शब्दों के रूप द्वारा
(ब) क्रिया के रूप द्वारा
(अ) संज्ञा या सर्वनाम शब्दों के रूप द्वारा (From Form of Noun or Pronoun)
जब संज्ञा अथवा सर्वनाम शब्द एक का बोध कराए तो एकवचन , और अनेक का बोध कराए तो बहुवचन होता है|
जैसे—
श्रुति पढ़ रही है।
मैं बाज़ार जाऊँगा।
कुछ संज्ञा शब्दों का रूप एकवचन तथा बहुवचन दोनों में एक-सा होता है। ऐसे शब्दों का वचन जानने के लिए हमें वाक्यों की क्रियाओं की सहायता लेनी पड़ती है|
जैसे-
- मज़दूर काम कर रहे हैं।
- बालक खेल रहा है।
वचन
वचन परिवर्तन के लिए नियम
1. यदि संज्ञा शब्द पुल्लिंग हो और अंत में आ हो तो बहुवचन में ‘आ’ का ‘ए’ हो जाता है ।
एकवचन बहुवचन
कमरा कमरे
लड़का लड़के
पखा पंखे
दरवाज़ा दरवाज़े
बच्चा बच्चे
लोटा लोटे
बकरा बकरे
घड़ा घड़े
संतरा संतरे
बेटा बेटे
2. अकारांत स्त्रीलिंग संज्ञाओं के अंत में ‘अ’ को ‘एँ’ कर देने से बहुवचन हो जाता है; जैसे-
एकवचन बहुवचन
पुस्तक पुस्तके
जाल जालें
गाय गायें
मेज़ मेज़ें
बात बातें
दीवार दीवारें
बाँह बाहे
सड़क सड़क
दवात दवातें
चादर चादर
झील झील
तलवार तलवारें
रात रातें
बहन बहनें
आँख आँखें
बुलबुल बुलबुलें
B.
इकारांत स्त्रीलिंग संज्ञाओं के अंत में ‘याँ’ जोड़ देने से बहुवचन बन जाता है;
जैसे-
एकवचन बहुवचन
समिति समितियाँ
निधि निधियाँ
विधि विधियाँ
राशि राशिया
नीति नीतियाँ
लिपि लिपियाँ
तिथि तिथियाँ
जाति जातियाँ
रीति रीतियाँ
शक्ति शक्तियाँ
4. ईकारांत स्त्रीलिंग संज्ञाओं के अंत में ‘ई’ को ‘इ’ करके ‘याँ’ जोड़ दिया जाता है;
जैसे-
एकवचन बहुवचन
बेटी बेटियाँ
मक्खी मक्खियाँ
कुर्सी कुर्सियाँ
खिड़की खिड़कियाँ
गाड़ी गाड़िया
थाली थालियाँ
साड़ी साड़ियाँ
रोटी रोटियाँ
लड़की लड़कियाँ
नारी नारियाँ
मकड़ी मकड़ियाँ
पगड़ी पगड़ियाँ
सब्ज़ी सब्ज़ियाँ
नदी नदियाँ
मछली मछलियाँ
रज़ाई रज़ाइयाँ
5. अंत में ‘या’ आने वाले स्त्रीलिंग शब्दों के अंत में अनुनासिक () कर दिया जाता है; जैसे-
एकवचन बहुवचन
चिड़िया चिड़ियाँ
बुढ़िया बुढ़ियाँ
गुड़िया गुड़ियाँ
डिबिया डिबियॉ
पुड़िया पुड़ियाँ
डलिया डलियाँ
चुटिया चुटियाँ
खटिया खटियाँ
कुटिया कुटियाँ
चुहिया चुहियाँ
6. उकारांत, अकारांत और औकारांत स्त्रीलिंग शब्दों के अंत में ‘एँ’ जोड़कर बहुवचन
एकवचन बहुवचन
सेना सेनाएँ
गायिका गायिकाएँ
शाखा शाखाए
सभा सभाए
सेवा सेवाएँ
कला कलाएँ
शिला शिलाएँ
पाठशाला पाठशालाएँ
माला मालाएँ
लेखिका लेखिकाएँ
शाला शालाएँ
कन्या कन्याएँ
रेखा रेखाएँ
कथा कथाएँ
माता माताएँ
महिला महिलाएँ
लता लताएँ