हिंदी व्याकरण में एक महत्वपूर्ण  है। संज्ञा को “नाम” भी कहा जाता है। संज्ञा वे शब्द होते हैं जिनसे किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, भावना, विचार आदि का नाम बताया जाता है। संज्ञा के माध्यम हम किसी वस्तु को पुकारते हैं या उसके बारे में बात करते हैं। इसे व्यक्ति, वस्तु, भावना और स्थान के अनुसार चार भेदों में विभाजित किया जा सकता

१. व्यक्तिवाचक संज्ञा: जो शब्द व्यक्ति के नाम के लिए प्रयोग होते हैं, जैसे – राम, श्याम, सीता, गीता, आदि।

2. वस्तुवाचक संज्ञा: जो शब्द वस्तुओं के नाम के लिए प्रयोग होते हैं, जैसे – किताब, कलम, घर, पेड़, आदि।

3. भाववाचक संज्ञा: जो शब्द भावनाओं और अभिभावक के नाम के लिए प्रयोग होते हैं, जैसे – प्यार, भय, आशा, प्रेम, आदि।

4. स्थानवाचक संज्ञा: जो शब्द स्थानों के नाम के लिए प्रयोग होते हैं, जैसे – बाज़ार, स्कूल, गली, दुकान, आदि।

संज्ञा हिंदी वाक्य निर्माण में बहुत महत्वपूर्ण है और इसके बिना वाक्य का अर्थ नहीं बनता है। संज्ञा वाक्य के कुछ प्रमुख अंग होते हैं जिनमें विषय (कर्ता), कर्म (प्रकर्य), संबंधक (संबंध) आदि शामिल होते हैं।

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